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केंद्रीय सरकार ने महंगाई भत्ते में 3% की वृद्धि की: DA अब 53% तक पहुँचा

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। सरकार ने महंगाई भत्ते (Dearness Allowance – DA) में 3% की वृद्धि की घोषणा की है, जिससे यह अब 50% से बढ़कर 53% हो गया है। यह वृद्धि एक जुलाई 2024 से प्रभावी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जो देशभर के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभान्वित करेगी।

महंगाई भत्ता(DA) वह राशि होती है जो कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने के लिए दी जाती है। भारत में महंगाई दर बढ़ने पर केंद्र और राज्य सरकारें कर्मचारियों को महंगाई भत्ता प्रदान करती हैं ताकि उनकी क्रय शक्ति प्रभावित न हो। यह भत्ता सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन का एक प्रतिशत होता है, जो समय-समय पर महंगाई दर के आधार पर संशोधित किया जाता है।

महंगाई भत्ते(DA) की यह वृद्धि देश में लगातार बढ़ रही महंगाई और वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए की गई है। खुदरा महंगाई दर में वृद्धि के कारण सरकार ने यह फैसला लिया है ताकि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आय और खर्च के बीच संतुलन बना रहे। भारत की अर्थव्यवस्था में बीते कुछ समय से महंगाई एक बड़ी चिंता का विषय रही है, खासकर खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में हुई तेज़ी के कारण। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सरकारी कर्मचारियों का जीवनस्तर इन आर्थिक दबावों के चलते प्रभावित न हो।

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इस निर्णय से लगभग 48 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 68 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। यह वृद्धि कर्मचारियों के वेतन में एक महत्वपूर्ण योगदान करेगी और साथ ही पेंशनभोगियों को भी अतिरिक्त वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगी। यह निर्णय सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है जिसके तहत वह अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मुद्रास्फीति से सुरक्षित रखने के लिए प्रयासरत रहती है।

पिछली बार मार्च 2024 में सरकार ने महंगाई भत्ते(DA)  में 4% की वृद्धि की थी, जिससे यह 46% से बढ़कर 50% हो गया था। यह नई 3% वृद्धि इस साल दूसरी बार हुई है, जो दर्शाता है कि सरकार मुद्रास्फीति की स्थिति पर करीबी नजर रख रही है और इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रही है।

इस महंगाई भत्ते(DA)  की वृद्धि से सरकारी खजाने पर भारी भार पड़ेगा। अनुमानित आंकड़ों के अनुसार, इस वृद्धि से सरकार पर अतिरिक्त 12,857 करोड़ रुपये का वार्षिक वित्तीय बोझ पड़ेगा। हालांकि, सरकार का मानना है कि यह कदम आवश्यक है, क्योंकि यह कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को राहत प्रदान करेगा और उन्हें मौजूदा महंगाई के प्रभाव से बचाएगा।

महंगाई की दर में वृद्धि एक गंभीर समस्या बनी हुई है, जिसे नियंत्रित करने के लिए सरकार को दीर्घकालिक उपायों की जरूरत होगी। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी, लेकिन यह केवल अस्थायी समाधान है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि सरकार को महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ठोस आर्थिक नीतियों पर ध्यान देना होगा, जिससे मुद्रास्फीति को लंबे समय तक नियंत्रण में रखा जा सके।

केंद्रीय सरकार द्वारा महंगाई भत्ते(DA) में 3% की वृद्धि एक स्वागत योग्य कदम है। यह वृद्धि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है। हालांकि, सरकार के सामने महंगाई पर नियंत्रण रखने की चुनौती अभी भी बनी हुई है। महंगाई भत्ते में इस वृद्धि से लाखों लोग लाभान्वित होंगे और यह उनके जीवन स्तर को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगी।

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